हरियाणा में कांग्रेस छोड़कर BJP में आईं किरण चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा चंडीगढ़ में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को सौंपा। विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा मंजूर कर लिया है।

किरण चौधरी 3 सितंबर को होने वाली राज्यसभा चुनाव के लिए कल नामांकन दाखिल कर सकती हैं। हालांकि भाजपा ने अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं किया है।

BJP ने आज शाम 4 बजे चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग बुला ली है। इसमें राज्यसभा उपचुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ पार्टी के सभी विधायक मीटिंग में मौजूद रहेंगे।

राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा, ‘आज हमारा राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित हो जाएगा। वोटिंग होने की स्थिति में सभी विधायकों को हमने चंडीगढ़ पहुंचने के लिए कहा है। हमारे सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। कल हम अपने उम्मीदवार का नॉमिनेशन करवाएंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए हमारे पास पूरा बहुमत है।’

राज्यसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू हो चुकी है। उम्मीदवार 21 अगस्त नॉमिनेशन फाइल कर सकेंगे। 27 अगस्त को प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। 3 सितंबर को वोटिंग के बाद ही रिजल्ट जारी होगा।

चूंकि अब किरण चौधरी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है तो उनकी बेटी श्रुति चौधरी तोशाम विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हो सकती हैं।

2026 तक राज्यसभा सीट का कार्यकाल

किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी का कांग्रेस से टिकट कटने पर लोकसभा चुनाव के बाद 19 जून को भाजपा में शामिल हो गई थीं। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि किरण चौधरी राज्यसभा जा सकती हैं। प्रदेश में राज्यसभा की 5 सीट हैं।

कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्‌डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए भारतीय चुनाव आयोग इस सीट पर उपचुनाव करा रहा है।

भूपेंद्र हुड्डा कह चुके- हमारे पास नंबर नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के पास विधानसभा में पूरे नंबर नहीं है। विधानसभा में कांग्रेस के केवल 28 विधायक हैं। इनमें तोशाम की विधायक किरण चौधरी शामिल नहीं हैं, क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के कारण कांग्रेस चुनाव से दूर रहेगी।

कांग्रेस को 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इन्हें मिलाकर कांग्रेस के पास 31 विधायक ही बनते हैं। राज्यसभा सीट का चुनाव जीतने के लिए विधानसभा में 44 विधायकों की जरूरत है। अगर कोई 13 विधायक लेकर आता है तो कांग्रेस उसका समर्थन करने को तैयार है। यदि उनके पास पूरे विधायक होते तो वह पहलवान विनेश फोगाट को राज्यसभा भेज देते। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता।

दुष्यंत बोले- हमारे कुछ विधायक कांग्रेसी हुए, उम्मीदवार खड़ा करें

पूर्व डिप्टी सीएम और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, ’21 अगस्त को हरियाणा राज्यसभा उप चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि है। अब तो हमारे 4-5 विधायक भी कांग्रेसी हो चुके हैं। अब तो कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव जीतने के करीब है। अगर भूपेंद्र हुड्डा की बीजेपी से सांठगांठ नहीं है तो वो राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करें।

हम पहले से ही बीजेपी के खिलाफ वोट करने का वादा कर चुके हैं। जेल के डर से बार-बार बिकता रहे, उधर का हो और इधर का दिखता रहे।’

विधानसभा में अभी ये है राजनीतिक समीकरण

हरियाणा विधानसभा में भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। हालांकि कांग्रेस को छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी अब भाजपा में हैं।

वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास अभी 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, INLD 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 43 विधायक हैं। विधानसभा में अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति एक जैसी ही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *