पेरिस ओलिंपिक में आज हरियाणा के पानीपत की लाडली रेसलर निशा दहिया का मैच होगा। आज भारतीय पहलवान निशा दहिया भारत के लिए पदक पक्का करने का इरादा लेकर उतरेंगी। महिला रेसलिंग फ्री स्टाइल के 68 किलो भार वर्ग में शाम 6.30 बजे प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।

इस मैच को अगर वो जीतने में कामयाब हुई तो शाम 7:50 बजे क्वार्टर फाइनल खेलने का मौका मिलेगा। यहां भी निशा ने अपना दांव सही लगाया तो रात 1:10 बजे सेमीफाइनल में उतरने का मौका हासिल करेंगी। नई सनसनी बनकर उभरी निशा दहिया का जलवा कायम रहा तो देर रात होने वाले मैच के बाद भारत को अच्छी खबर मिल सकती है।

13 साल की उम्र से कुश्ती की ले रही ट्रेनिंग
पानीपत के गांव अदियाना की निशा दहिया ने महज 13 साल की उम्र से कुश्ती की ट्रेनिंग ले रही है। वह अपने परिवार में सबसे छोटी बेटी हैं। निशा ने अपने किसान पिता के सपने को पूरा करने के लिए कुश्ती के खेल को चुना।

निशा बचपन में पढ़ाई से ज्यादा खेलकूद की तरफ आकर्षित थीं, इसलिए परिवार वालों ने उनको गांव निडानी जिला जींद में कुश्ती के अभ्यास के लिए भेज दिया था। निशा की मां बबली के अनुसार उनकी बेटी 14 साल से लगातार कुश्ती की ट्रेनिंग कर रही हैं। निशा ने अंडर-16 2014 एशियन खेल थाईलैंड में पहला मेडल जीता था।

जब पहली बार गांव में मेडल आया तो लोगों को बहुत खुशी हुई। इससे पहले उनको मेडल के बारे में बहुत ज्यादा नहीं पता था। निशा की मां के लिए उनकी बेटी का ओलिंपिक में जाना उनके लिए किसी मेडल जीतने से कम नहीं है। निशा यहां तक पहुंची हैं, तो वह मेडल भी लेकर आएंगी।

बचपन में बहुत शरारती थी निशा

निशा के चचेरे भाई विकास ने बताया कि निशा की तैयारी काफी अच्छी है, परिवार को उम्मीद है कि वह गोल्ड मेडल जरूर जीतेगी। बचपन में निशा बड़ी शरारती थी, दूध-दही बहुत खाती थी। बाद में निशा को जब पता लगा कि केवल दूध-दही से कुश्ती की जरूरत पूरी नहीं होती तो उन्होंने खानपान पर ध्यान दिया। निशा ने अपने अंतर्राष्ट्रीय मेडल के बाद 2015 में दिल्ली में एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था। 2019 में सीनियर नेशनल गेम्स में गोल्ड, 2022 ट्यूनिशिया में सिल्वर व 2023 आस्थान में वर्ल्ड रेसलिंग में सिल्वर मेडल जीतकर ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया।

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