शहर में नई स्ट्रीट लाइटों को लगवाने से लेकर इनकी रिपेयरिंग पर निगम अब तक करोडों रुपये खर्च कर चुका है। बावजूद हालात खस्ता है। शहर की सड़कों पर रोजाना रात को अंधेरा छा जाता है। बिजली निगम ने अप्रैल 2023 से लेकर फरवरी 2024 तक करीब एक करोड़़ रुपये का खर्च स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी और ट्रैफिक लाइटों की इंस्टॉलेशन पर खर्च किया। इनकी रिपेयरिंग आदि पर अलग से करीब 20 लाख खर्च किए। बावजूद शहर की सड़कों पर अंधेरा छाया हुआ है। इसमें वार्ड 22 और 23 के एरिया में ज्यादा परेशानी हो रही है।

निगम अधिकारियों ने इस साल दस लाख रुपये का सामान खरीद कर खराब लाइटों की रिपेयरिंग पर लगाना था। इसके लिए 42 कर्मचारियों को लगाया लेकिन अब तक शहर की लाइटों का अंधेरा दूर नहीं हो सका है। निगम ने स्ट्रीट लाइट रिपेयर करने वाले टेंडर को भी करीब दस माह के बाद बंद करवा दिया था। जिसका खर्च करीब छह लाख रुपये प्रतिमाह था। फिर से निगम अपनी स्ट्रीट लाइटों की रिपेयरिंग अपने कर्मचारियों से करवाने लगा लेकिन ये काम भी बेहद धीमी गति से चला।

वार्ड 22 की निवर्तमान पार्षद पति योगेश डावर ने बताया कि उनके वार्ड में 100 से भी ज्यादा लाइटें खराब थी। बार बार निगम को शिकायत देने के बाद भी जब काम नहीं हुआ तो उन्होंने निगम अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी। जिसके बाद अब निगम ने लाइटों को ठीक करवाने का काम शुरू कराया है। अगर इस काम में निगम ने फिर से लापरवाही बरती तो निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा।

वार्ड 23 के निवर्तमान पार्षद अश्वनी धींगड़ा ने कहा कि उनके वार्ड में भी लाइट रिपेयरिंग का काम बंद है। कई कॉलोनियों में करीब 100 लाइटें खराब और बंद पड़ी हैं। जिनकी शिकायत देने के बाद भी ये सही नहीं हो पाई हैं। अब निगम अधिकारियों ने वीरवार से लाइटों को ठीक करवाने का आश्वासन दिया है। लाइटें न होने की वजह से रात को लोगों का आवागमन भी प्रभावित होता है और आपराधिक घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। ये लोगों की मुलभूत सुविधाओं में से एक है। जिसे निगम को तुंरत प्रभाव से किया जाना चाहिए।

नगर निगम के इलेक्टि्रक्ल जेई गौरव ने कहा कि वार्ड 22 में लाइटों को ठीक करवाने का काम शुरू करवा दिया गया है। जबकि वार्ड 23 में कल से लाइटों को ठीक करवाने का काम शुरू करवा दिया जाएगा।

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